Independence Day Speech

Independence Day Speech
National Flag 

         

मेरे सारे सम्मानित शिक्षकोंअभिभावकों और मेरे प्यारे बच्चों आज 15 अगस्त है ये सिर्फ एक तारीख ही नही बल्कि उस आज़ादी के जश्न का दिन है जिसके लिये कितने ही वीर जवानों ने वीरगति पाई और कितने ही देशभक्तों ने जेलों में दिन बितायें इसी दिन 1947 को 200 से अधिक वर्षों के बाद ब्रिटिश शासन के चंगुल से छूट कर एक नए युग की शुरुआत हुई थी आज हम उसी महान घटना का 70वाँ सालगिरह मानाने के लिये यहाँ इकट्ठे हुए है जिसे हम सभी स्वतंत्रता दिवस या आजादी का दिन कहते है

                                                                         स्वतंत्रता एक ऐसा शब्द हैजिसमे पुरा आसमान समाया हैस्वतंत्रता की चाहत केवल मनुष्यों में ही नही जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों में भी होती है खुली फिज़ा में साँस लेना कौन नही चाहता हैअगर एक बीज को धरती में दबा दे तो वो भी धुप और हवा की चाह में धरती से बाहर आ जाती है ठीक इसी प्रकार खुली फिज़ा में साँस लेने को बैचेन भारत में भी आज़ादी की संघर्ष मेरठ में सिपाहियों की बगावत के साथ 1857 में शुरू हुआ देखते ही देखते यह चिंगारी एक महासंग्राम में बदल गया जिसमे मंगल पांडेझाँसी की रानी लक्ष्मीबाईतात्या टोपेनाना साहेब ने अपने प्राणों की आहुति दे दी परन्तु कुछ कारणों से हम गुलामी के बंधन से मुक्त नही हो सकें

                                                       लेकिन जिस देश में चंद्रशेखरभगत सिंहराजगुरुसुभाषचंद्रखुदीराम बोसरामप्रसाद बिस्मिलअशफाकउल्ला खानजैसे क्रन्तिकारी तथा महात्मा गाँधीबाल गंगाधर तिलकसरदार पटेलनेहरु जैसे देशभक्त मौजुद हो उस देश को गुलाम कौन रख सकता था आखिर 90 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद अंग्रेजों के अत्याचार और क्रूरता से हमे 15 अगस्त 1947 को आजादी प्राप्त हुई 

                                                                ये आजादी हमे उपहार में नही मिली थीऐसे कई गुमनाम देशभक्त सिपाही जो अपने प्राणों की चिंता किये बिना वंदे मातरम और इंकलाब जिंदाबाद की गर्जना करते हुए फांसी के फंदे पर झुल गये इस आजादी में हमारे हर एक देशवासी के संघर्षत्यागतथा बलिदान समाहित है 13 अप्रैल 1919 को जलियाँवाला हत्याकांड वो रक्त रंजित भुमि आज भी देशवासियों के बलिदान की गवाही दे रही है

                                         आज हम जिस खुली फिज़ा में साँस ले रहे हैंवो हमारे पूर्वजों के बलिदान और त्याग का परिणाम है तो हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है की मुश्किलों से मिली आज़ादी की महत्व को समझेतिरंगे के रंगों का अनोखा अनुभव को महसुस करें और  इस पर्व को भी आज़ाद भारत के जन्मदिवस के रूप में पुरे दिल से उत्साह के साथ मनाये 
                                                                          
                                                          जय हिन्दजय भारत        
 By
Shah Rukh


Post a Comment

2 Comments

  1. मुझे बहुत खुशी हुई

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद मेरे मित्र !

      Delete